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    परिकल्पना

    • के. वि. सं. उच्च गुणवत्ता वाले शैक्षिक प्रयासों के माध्यम से उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए अपने छात्रों को ज्ञान/मूल्य प्रदान करने और उनकी प्रतिभा, उत्साह और रचनात्मकता का पोषण करने में विश्वास रखता है।

    उद्देश्य

    • शिक्षा का एक सामान्य कार्यक्रम प्रदान करके रक्षा और अर्ध-सैन्य कर्मियों सहित स्थानांतरणीय केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बच्चों की शैक्षिक आवश्यकताओं को पूरा करना है।
    • स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्टता हासिल करने और गति निर्धारित करने के लिए।
    • केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) और राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) आदि जैसे अन्य निकायों के सहयोग से शिक्षा में प्रयोग और नवाचारों को शुरू करना और बढ़ावा देना।
    • राष्ट्रीय एकता की भावना का विकास करना और बच्चों में “भारतीयता” की भावना पैदा करना।
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    KVS-Vision-Mission

    विद्यालय के बारे में

    उत्पत्ति

    पीएम श्री केंद्रीय विद्यालय, पीतमपुरा अगस्त 1985 में गुणवत्ता शिक्षा के माध्यम से एक अवसर प्रदान करने के लिए अस्तित्व में आया। विविधता में एकता वाला एक सह-शिक्षा विद्यालय केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) से संबद्ध है।

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    विद्यालय के दृष्टिकोण के बारे में

    शिक्षा के एक आम कार्यक्रम प्रदान करके रक्षा और पैरा-सैन्य कर्मियों सहित हस्तांतरणीय केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बच्चों की शैक्षिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए | उत्कृष्टता का पीछा करने और स्कूल शिक्षा के क्षेत्र में गति निर्धारित करने के लिए |

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    विद्यालय के उद्देश्य के बारे में

    शिक्षा के एक आम कार्यक्रम प्रदान करके रक्षा और पैरा-सैन्य कर्मियों सहित हस्तांतरणीय केंद्र सरकार के बच्चों की शैक्षिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए; उत्कृष्टता का पीछा करने और स्कूल शिक्षा के क्षेत्र में गति निर्धारित करने के लिए |

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    संदेश

    commisioner

    आयुक्त, निधि पांडे, आईआईएस
    शिक्षक दिवस-2024 के अवसर पर समस्त शिक्षक समुदाय को हार्दिकबधाई और शुभकामनाएं!
    आज, डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी की जयंती के अवसर पर केंद्रीय विद्यालय संगठन देश के सभी शिक्षकों के प्रति अपनी कृतज्ञता और सम्मान व्यक्त करता है। यह आपका अथक समर्पण और अटूट प्रतिबद्धता है, जो देश की भावी पीढ़ी को आकार दे रही है, उनमें ज्ञान, चरित्र और जीवन मूल्यों का संवर्धन कर रही है।

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    उपायुक्त का संदेश

    उप आयुक्त

    उपायुक्त श्री सरदार सिंह चौहान

    तत्कर्म यन्न बंधाय सा विद्या या विमुक्तये। आयासायापरम कर्म विद्यान्या शिल्पनैपुणम ।। – श्री विष्णुपुराण अर्थात जो बंधन उत्पन्न न करे वह कर्म है और जो मुक्ति का मार्ग प्रशस्त करे वह विद्या है। शेष कर्म तो परिश्रम स्वरूप है तथा अन्य विधायें तो मात्र कला कौशल ही है। भारतीय ऋषि -मुनियों व मनीषियों ने ज्ञान (विद्या) को मनुष्य की मुक्ति का साधन कहा है। र्मनुष्य को भय, भूख, दुर्विकार , दुष्प्रवृत्तियाँ , दुराचरण, निर्बलता , दीनता व हीनता ,रोग-शोक इत्यादि से मुक्ति की अभिलाषा अनंतकाल से है। श्रीविष्णुपुराण का उपरोक्त महावाक्य हमें यही संदेश देता है कि मनुष्य को ज्ञान के द्वारा अपने समस्त क्लेशों से मुक्ति पाने का पुरुषार्थ करना चाहिए | विद्या त्याग और तपस्या का सुफल होती है इसीलिए ज्ञान की उपलब्धि सदैव श्रमसाध्य है| आइये , हम सभी अनुशासित होकर, समर्पित भाव से समस्त उपलब्ध साधनों का मर्यादापूर्वक उपभोग करते हुए ज्ञानार्जन का सद्प्रयास करें| अपनी दिनचर्या में उचित आहार , विहार और विचार का समावेश करते हुए व्यक्ति के रूप मे प्रकृति प्रदत्त अनंत संभावनाओं को ज्ञान की पवित्र ऊर्जा के आलोक में पल्लवित व पुष्पित करें | हम सभी कृष्ण यजुर्वेद के तैत्रीय उपनिषद के इस सूत्र का प्रतिदिन अपने विद्यालयों में प्रातःकालीन प्रार्थना सभा में सस्वरपाठ करते हैं :- ॐ सह नाववतु सह नौ भुनक्तु , सह वीर्यम करवावहै | तत्कर्म यन्न बंधाय सा विद्या या विमुक्तये। आयासायापरम कर्म विद्यान्या शिल्पनैपुणम ।। – श्री विष्णुपुराण अर्थात जो बंधन उत्पन्न न करे वह कर्म है और जो मुक्ति का मार्ग प्रशस्त करे वह विद्या है। शेष कर्म तो परिश्रम स्वरूप है तथा अन्य विधायें तो मात्र कला कौशल ही है। भारतीय ऋषि -मुनियों व मनीषियों ने ज्ञान (विद्या) को मनुष्य की मुक्ति का साधन कहा है। र्मनुष्य को भय, भूख, दुर्विकार , दुष्प्रवृत्तियाँ , दुराचरण, निर्बलता , दीनता व हीनता ,रोग-शोक इत्यादि से मुक्ति की अभिलाषा अनंतकाल से है। श्रीविष्णुपुराण का उपरोक्त महावाक्य हमें यही संदेश देता है कि मनुष्य को ज्ञान के द्वारा अपने समस्त क्लेशों से मुक्ति पाने का पुरुषार्थ करना चाहिए | विद्या त्याग और तपस्या का सुफल होती है इसीलिए ज्ञान की उपलब्धि सदैव श्रमसाध्य है| आइये , हम सभी अनुशासित होकर, समर्पित भाव से समस्त उपलब्ध साधनों का मर्यादापूर्वक उपभोग करते हुए ज्ञानार्जन का सद्प्रयास करें| अपनी दिनचर्या में उचित आहार , विहार और विचार का समावेश करते हुए व्यक्ति के रूप मे प्रकृति प्रदत्त अनंत संभावनाओं को ज्ञान की पवित्र ऊर्जा के आलोक में पल्लवित व पुष्पित करें | हम सभी कृष्ण यजुर्वेद के तैत्रीय उपनिषद के इस सूत्र का प्रतिदिन अपने विद्यालयों में प्रातःकालीन प्रार्थना सभा में सस्वरपाठ करते हैं :- ॐ सह नाववतु सह नौ भुनक्तु , सह वीर्यम करवावहै | तेजस्वि नावधीतमत्सु मा विद्विषावहै, ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः।। आइये , इस सूत्र में छुपे महान संदेश को समझें और अपने जीवन में आत्मसात कर अपना नित्य कर्म करें | मैं , दिल्ली संभाग के समस्त अधिकारीयों , प्राचार्यों , शिक्षकों , विद्यार्थियों व कार्मिकों को अपनी हार्दिक शुभकामनाएँ प्रेषित करता हूँ और सभी के लिए सफल व सुखद भविष्य की कामना करता हूँ |तेजस्वि नावधीतमत्सु मा विद्विषावहै, ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः।। आइये , इस सूत्र में छुपे महान संदेश को समझें और अपने जीवन में आत्मसात कर अपना नित्य कर्म करें | मैं , दिल्ली संभाग के समस्त अधिकारीयों , प्राचार्यों , शिक्षकों , विद्यार्थियों व कार्मिकों को अपनी हार्दिक शुभकामनाएँ प्रेषित करता हूँ और सभी के लिए सफल व सुखद भविष्य की कामना करता हूँ |

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    प्राचार्य का संदेश

    प्रधानाचार्य

    प्राचार्य श्री पवन कुमार

    आप में से एक के रूप में, मैं समझता हूं और हमारे सामने सबसे कठिन और चुनौतीपूर्ण कार्य की सराहना करता हूं। एक बच्चे की नियति को आकार देना हममें से प्रत्येक के लिए बहुत गर्व की बात है। शिक्षा का मुख्य उद्देश्य दुनिया में अन्य जीवों के साथ अपने स्वयं के भीतर सद्भाव और सद्भाव में प्रत्येक व्यक्ति में एक दुगुनी सद्भाव की स्थापना है। इसलिए हमारा लक्ष्य हमेशा पाठ्यचर्या और सह-पाठयक्रम गतिविधियों के माध्यम से व्यक्तित्व संवर्धन रहा है। शिक्षण एक कैरियर या एक पेशे से बहुत अधिक है। यह (शिक्षण) एक जिम्मेदार नागरिक में बच्चे को ढालने और आकार देने की सबसे महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। मुझे यकीन है कि मेरे छात्र समाज के उत्पादक, बुद्धिमान और ईमानदार नागरिक बन जाएंगे। वांछित परिणाम प्राप्त करने के लिए माता-पिता की सक्रिय भागीदारी और सहयोग बेहद आवश्यक होगा। हम उत्कृष्टता के लिए नए उत्साह की तलाश करने के लिए इन-डोमेस्टिक उत्साह के साथ प्रयास करते हैं ताकि हमारे छात्रों को आत्म-संयमित हो सकें और प्रतिस्पर्धा के वर्तमान युग में उड़ते हुए रंगों के साथ बाहर आ सकें।

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    अद्यतनीकरण

    सभी देखें

    सोशल मीडिया

    चीजों का अन्वेषण करें

    अनमोल क्षण

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    छात्रों के बारे में समाचार और कहानियाँ, और पूरे स्कूल में नवाचार

    राष्ट्रीय बाल भवन का भ्रमण

    राष्ट्रीय बाल भवन का भ्रमण

    राष्ट्रीय शिल्पकला व हस्तकला अकादमी का भ्रमण

    राष्ट्रीय शिल्पकला व हस्तकला अकादमी का भ्रमण

    जस्ट जूनियर शो में प्रतिभागिता

    पीएम श्री केन्द्रीय विद्यालय पीतमपुरा के छात्रों द्वारा दूरदर्शन के शो जस्ट जूनियर में प्रतिभागिता

    उपलब्धियाँ

    शिक्षक

    • नवीन कुमार जैन
      प्रोफेसर नवीन कुमार जैन पीजीटी रसायन विज्ञान

      प्रोफेसर नवीन कुमार जैन, पीजीटी केमिस्ट्री को सिल्वरज़ोन द्वारा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया गया

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    विद्यार्थी

    • पुरुंजय आनंद
      पुरुंजय आनंद

      श्री पवन कुमार, प्रिंसिपल ने पुरुंजय आनंद को इंस्पायर माणक अवार्ड के लिए सम्मानित किया और विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय की ओर से प्रोत्साहन के रूप में रु. 10000 /- दिए।

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    नवप्रवर्तन

    छोटी सी खुली लाइब्रेरी

    पीएम श्री केवी पीतमपुरा टॉय लाइब्रेरी

    पीएम श्री केंद्रीय विद्यालय पीतमपुरा में खिलौना लाइब्रेरी का उद्घाटन |

    विद्यालय शीर्ष विद्यार्थी

    सीबीएसई 10 वीं और 12 वीं बोर्ड परीक्षाएँ

    कक्षा 10 वीं 2023-24

    • X 23-24 Soumya 93.8

      सौम्य ओझा
      93.8%

    • X 23-24 Aditya 93.8

      आदित्य राज चँचल
      93.8%

    • X 23-24 Angel 93

      एंजेल निखरे
      93%

    कक्षा 12 वीं सत्र 2023-24

    • XII 23-24 Aditya 96.4

      आदित्य रंजन
      विज्ञान
      96.4%

    • XII 23-24 NAVNEET SINGH 90.4

      नवनीत सिंह
      वाणिज्य
      90.4%

    • XII 23-24 SHAILJA SINGH 93

      शैलजा सिंह
      मानविकी
      93%

    • XII 23-24 Kartik 96.4

      कार्तिक ओझा
      विज्ञान
      96.4%

    • XII 23-24 SAMTA MEENA 90.2

      समता मीणा
      वाणिज्य
      90.2%

    • XII 23-24 PURNIMA KUMARI 92.4

      पूर्णिमा कुमारी
      मानविकी
      92.4%

    सीबीएसई बोर्ड परिणाम समंक

    सत्र 2023-24

    उपस्थित 160 उत्तीर्ण 162

    सत्र 2022-23

    उपस्थित 192 उत्तीर्ण 190

    सत्र 2021-22

    उपस्थित 188 उत्तीर्ण 172

    सत्र 2020-21

    उपस्थित 247 उत्तीर्ण 247